दोस्तों आप लोगों से आज रूबरू होने का मक़सद है कि हमने उम्मीद फ़ाउन्डेशन क्यूँ बनाया ? आप जानते ही हैं कि ज़्यादातर लोग कोई NGO क्यों बनाते है ?
दोस्तों इस फ़ाउन्डेशन को बनाने का सिर्फ और सिर्फ एक ही मक़सद है। और वो है एक दूसरे का और एक-दूसरे के परिवारों का साथ, ऐसे हालात में देना जबकि कोई सहारा ही ना बचे। दोस्तों क्या हालात बनते हैं उस वक़्त घर के जब उस घर का कमाने वाला सदस्य ही ना रहे।
सोचिये ऐसे हालात में अगर मरने वाला अपने पीछे छोटे-छोटे बच्चे छोड़कर मरा हो। जवान बेटियाँ छोड़कर मरा हो। बूढ़े माँ-बाप जिनका सिर्फ़ वो एक ही सहारा था उन्हें छोड़कर मरा हो।
ऐसे परिवारों का दर्द सिर्फ उन्ही को महसूस होता है जो इन हालातों से गुज़रे हों। हम चाहते हैं कि हम एक-दूसरे के लिए जुड़ें। एक परिवार बनें। मुसीबत की उस घड़ी में जब हम अपने परिवार के साथ नहीं होंगे। मर चुके होंगे। हमारा उम्मीद फ़ाउन्डेशन परिवार हमारी families का सहारा बने।
हम सिर्फ इतना चाहते हैं. कि अगर हमारे उम्मीद फाउन्डेशन परिवार में से किसी भी सदस्य की मौत हो जाये तो हम, यानी उम्मीद फाउन्डेशन परिवार का हर सदस्य उस मरने वाले सदस्य के घर वालो की सिर्फ 100 रूपये देकर सहायता करे। अब ये सवाल आप से। क्या आप किसी मरने वाले के परिवार की 100 रूपये से भी मदद नहीं कर सकते ?
दोस्तों मुझे उम्मीद है हम में से कोई भी इतना खुदगर्ज नहीं है जो किसी मरने वाले के परिवार को 100 रूपये का भी सहारा ना लगा सके।
Friends, today We want to meet with you that why did we create Ummeed Foundation? Do you know why most people form an NGO?
Friends, there is only one purpose for making this foundation. And that is to support each other and each other’s families, in such a situation when there is no support left. Friends, what are the circumstances of the house when the earning member of that household is no more.
Imagine in such a situation if the person who died leaving behind small children behind him died. The young have died leaving daughters. The old parents, whose only support they were, left them and died.
The pain of such families is felt only by those who have gone through these situations. We want us to connect for each other. become a family. In those times of trouble when we will not be with our family. would have died. May our Hope Foundation family be a support to our families.
That’s all we want. That if any member of our Ummeed Foundation family dies, then we, that is, every member of the Ummeed Foundation family, should help the family members of that dying member by giving only Rs 100. Now this question to you. Can’t you help the family of someone who died with even Rs 100?
Friends, I hope that none of us is so selfish that he cannot support the family of a person who died even with 100 rupees.